चौंकाने वाली खबर: इसरो ने किया सूर्य की ओर कदम बढ़ाने का खुलासा!
इसरो ने अंतरिक्ष से आदित्य-एल1 मिशन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण सूचना दी है, जिससे सफलता की खबर मिली है। इस मिशन की शनिवार को लॉन्चिंग के बाद, मंगलवार की सुबह, इसरो ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि आदित्य-एल1 ने अपनी कक्षा को सफलतापूर्वक बदल लिया है। इसके दौरान बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में सैटेलाइट के माध्यम से इसका ट्रैकिंग किया गया है।
अब, आदित्य-एल1 की कक्षा 245km x 22459 km से 282 km x 40225 km पर पहुंच गई है। यह आदित्य-एल1 की दूसरी महत्वपूर्ण सफलता है, जिसने सूरज की ओर अपना कदम और आगे बढ़ा दिया है। अब, 10 सितंबर 2023 को रात के ढाई बजे तीसरी बार आदित्य-एल1 की कक्षा बदली जाएगी।
सूर्य मिशन के अनुसार, आदित्य-एल1 को 16 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करनी होगी, और इसके बाद ही यह सूरज की ओर बढ़ सकेगा। आदित्य-एल1 16 दिनों में पांच बार पृथ्वी की कक्षा बदलेगा, और इसके मुताबिक 5 दिनों बाद फिर से इसकी कक्षा में बदलाव किया जाएगा।
इसरो ने अंतरिक्ष से आदित्य-एल1 मिशन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण घटना की घोषणा की है, जिससे भारत के गर्व को और भी बढ़ावा मिला है। इसरो ने बताया कि आदित्य-एल1 ने अब अपनी कक्षा को बदल लिया है, और इसके पीछे के प्रयासों का सफलतापूर्वक परिणाम मिला है। इसका माध्यम बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर के सैटेलाइट्स के माध्यम से किया गया है, जिनसे इसरो ने इसका पूरी तरह से ट्रैकिंग किया है।
इस नई घटना के परिणामस्वरूप, आदित्य-एल1 अब 245km x 22459 km की कक्षा से निकलकर 282 km x 40225 km की कक्षा में पहुंच चुका है। यह आदित्य-एल1 की दूसरी महत्वपूर्ण सफलता है, और इससे सूरज के प्रति भारत की गहरी अधिकारिता बढ़ी है। आगामी 10 सितंबर 2023 को, रात के ढाई बजे, आदित्य-एल1 की कक्षा को तीसरी बार बदल दिया जाएगा।
सूर्य मिशन के अनुसार, आदित्य-एल1 को पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए 16 दिन लगेंगे, फिर वह सूरज की ओर अपने मार्ग पर बढ़ेगा। इस दौरान, आदित्य-एल1 की कक्षा को 16 दिनों में पांच बार बदला जाएगा, और इसके बाद 5 दिनों बाद फिर से कक्षा में बदलाव किया जाएगा, जो इस मिशन की महत्वपूर्ण चरण है।